प्रकृति के रंग अनोखे।
सतरंग
प्रकृति के रंग अनोखे।
सजा दिया संसार।
नीचे नीला समुद्र।
ऊपर नीला आसमान।
साथ में दे दिए इन्सा को।
सतरंगी सपने।
जीना मरना है जिनके संग।
वह ही है हमारे अपने।
हरा रंग खुशहाली का।
लाल रंग बलिदानी का।
सफेद से फैला दी शान्ति।
काला आवाज़ बुलंद का।
पीले हरे रंग संग जब सजे धरती।
हर दिल गुलाबी हो जाता है।
लाल रंग से सज कर हिंदुस्ता हमारा।
हर दिल शहीदों को नमन कर जाता है।
रंगों का जादुई असर है।
कोई इससे बच नहीं पाता है।
बैंगनी हो जाता जब मन।
पल पल इन्सान मुस्कुराता है।
चाँद तारे भी अछूते कहाँ है।
चाँदनी रंग में रंगने में।
सूरज की सुनहरी चमक।
नई उमंग भर दे हर एक के सीने में।
रंगों की दुनिया अनोखी।
एक बार महसूस करों।
चाहे मुट्ठी कितनी हो खाली।
हर एक अन्दर ये गरूर का सरूर भरें।
आओ मिलकर अपनी।
दुनिया हम सजाए।
सतरंग बिखर चारों तरफ।
एक सुन्दर सुगंधित इन्द्रधनुष बनाए।
नीलम गुप्ता🌹🌹( नजरिया )🌹🌹
Apeksha Mittal
05-Jun-2021 08:09 PM
बेहतरीन
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Ravi Goyal
05-Jun-2021 07:57 PM
रंगों से भरी हुई खूबसूरत रचना 👌👌
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